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Prahari
Индия
Добавлен 7 ноя 2020
भारतीय वैदिक शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना ही हमारा उद्देश्य है। वेद, उपनिषद्, दर्शन, रामायण, महाभारत, आयुर्वेद आदि ग्रन्थों में अनमोल ज्ञान भरा पड़ा है। पाश्चात्य शिक्षा पद्धति के लागु होने से वह ज्ञान धीरे-धीरे लुप्त होता जा रहा है। उसे पुनः लोगों तक पहुँचाने के लिए यह चैनल बनाया गया है। कृपया इस कार्य में आप सभी सहयोग करें। 🙏
38. कठोपनिषद् 5/3-6 आत्मा शरीर के प्राणों के कैसे चलता है? #kathopanishad #upanishads
38. कठोपनिषद् 5/3-6 आत्मा शरीर के प्राणों के कैसे चलता है? #kathopanishad #upanishads
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37. कठोपनिषद् 5/2 शरीर में रहने वाले हम आत्मा कैसा है? #kathopanishad #upanishads
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37. कठोपनिषद् 5/2 शरीर में रहने वाले हम आत्मा कैसा है? #kathopanishad #upanishads
36. कठोपनिषद् 5/1 ग्यारह दरवाज़ों वाली नगरी हमारा शरीर. #kathopanishad #upanishads
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36. कठोपनिषद् 5/1 ग्यारह दरवाज़ों वाली नगरी हमारा शरीर. #kathopanishad #upanishads
35. कठोपनिषद् 4/14 संसार के पीछे छिपे व्यवस्थापक को देखना सीखें. #kathopanishad #upanishads
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35. कठोपनिषद् 4/14 संसार के पीछे छिपे व्यवस्थापक को देखना सीखें. #kathopanishad #upanishads
34. कठोपनिषद् 4/13 जो एक को देखता है, वह मृत्यु से बचा जाता जाता है #kathopanishad #upanishads
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34. कठोपनिषद् 4/13 जो एक को देखता है, वह मृत्यु से बचा जाता जाता है #kathopanishad #upanishads
33. कठोपनिषद् 4/9-12 संसार की व्यवस्था को देखो. #kathopanishad #upanishads
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33. कठोपनिषद् 4/9-12 संसार की व्यवस्था को देखो. #kathopanishad #upanishads
32. कठोपनिषद् 4/8 व्यापक परमेश्वर को कौन देख सकता है? #kathopanishad #upanishads
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32. कठोपनिषद् 4/8 व्यापक परमेश्वर को कौन दे सकता है? #kathopanishad #upanishads
31. कठोपनिषद् 4/6-7 परमात्मा और प्रकृति का महत्त्व. #kathopanishad #upanishads
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31. कठोपनिषद् 4/6-7 परमात्मा और प्रकृति का महत्त्व. #kathopanishad #upanishads
30. कठोपनिषद् 4/3-5 बाल बुद्धि लोग आत्मा को नहीं जानते, आत्मा ही आधार है. #kathopanishad #upanishads
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30. कठोपनिषद् 4/3-5 बाल बुद्धि लोग आत्मा को नहीं जानते, आत्मा ही आधार है. #kathopanishad #upanishads
29. कठोपनिषद् 4/1-2 हम ध्यान क्यों नहीं कर पाते? इंद्रियों की व्यवस्था #kathopanishad #upanishads
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29. कठोपनिषद् 4/1-2 हम ध्यान क्यों नहीं कर पाते? इंद्रियों की व्यवस्था #kathopanishad #upanishads
28. कठोपनिषद् 3/14-17 जीवन की हर घटना से सीखो. #kathopanishad #upanishads
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28. कठोपनिषद् 3/14-17 जीवन की हर घटना से सीखो. #kathopanishad #upanishads
27. कठोपनिषद् 3/14 उठो, जागो, और अपने लक्ष्य को पाओ. #kathopanishad #upanishads
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27. कठोपनिषद् 3/14 उठो, जागो, और अपने लक्ष्य को पाओ. #kathopanishad #upanishads
26. कठोपनिषद् 3/12-13 परमात्मा किनके अन्दर प्रकट होता है? #kathopanishad #upanishads
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25. कठोपनिषद् 3/9-11 विष्णु का परम पद इंद्रियों से पुरुष तक की श्रृंखला #kathopanishad #upanishads
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24. कठिनाइयों में बुद्धि से निर्णय कैसे लें? कठोपनिषद् 3/4 #kathopanishad #upanishads
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23. मोक्ष तक पहुँचने का पुल. कठोपनिषद् 3/2-3 #kathopanishad #upanishads
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23. मोक्ष तक पहुँचने का पुल. कठोपनिषद् 3/2-3 #kathopanishad #upanishads
22. भगवान छाया है और हम धूँप. कठोपनिषद् 3/1-2 #kathopanishad #upanishads
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22. भगवान छाया है और हम धूँप. कठोपनिषद् 3/1-2 #kathopanishad #upanishads
21. मृत्यु न हो तो संसार नीरस हो जाएगा. कठोपनिषद् 2/25 #kathopanishad #upanishads
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21. मृत्यु न हो तो संसार नीरस हो जाएगा. कठोपनिषद् 2/25 #kathopanishad #upanishads
20. परमात्मा बुद्धि से नहीं, आत्मा से अनुभव किया जाता है कठोपनिषद् 2/24 #kathopanishad #upanishads
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20. परमात्मा बुद्धि से नहीं, आत्मा से अनुभव किया जाता है कठोपनिषद् 2/24 #kathopanishad #upanishads
19. कौन शोक नहीं करता है? कठोपनिषद् 2/22-23 #kathopanishad #upanishads
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19. कौन शोक नहीं करता है? कठोपनिषद् 2/22-23 #kathopanishad #upanishads
18. कर्मों के बन्धन से कैसे छूटें? कठोपनिषद् 2/20-21 #kathopanishad #upanishads
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18. कर्मों के बन्धन से कैसे छूटें? कठोपनिषद् 2/20-21 #kathopanishad #upanishads
17. भगवान को कौन भगवान बनाता है? कठोपनिषद् 2/18-19 #kathopanishad #upanishads
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17. भगवान को कौन भगवान बनाता है? कठोपनिषद् 2/18-19 #kathopanishad #upanishads
16. एक उपाय, जो चाहो वह मिलेगा कठोपनिषद् 2/16-17 #kathopanishad #upanishads
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16. एक उपाय, जो चाहो वह मिलेगा कठोपनिषद् 2/16-17 #kathopanishad #upanishads
15. आत्मिक रूप से सुखी होने के उपाय कठोपनिषद् 2/13-15 #kathopanishad #upanishads
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15. आत्मिक रूप से सुखी होने के उपाय कठोपनिषद् 2/13-15 #kathopanishad #upanishads
14. संसार से परमात्मा तक की यात्रा। कठोपनिषद् 2/10-12 #kathopanishad #upanishads
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14. संसार से परमात्मा तक की यात्रा। कठोपनिषद् 2/10-12 #kathopanishad #upanishads
13. कठोपनिषद् जो मृत्यु को देख लेता है, उसका जीवन बदल जाता है #upanishads #kathopanishad
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13. कठोपनिषद् जो मृत्यु को दे लेता है, उसका जीवन बदल जाता है #upanishads #kathopanishad
12. कठोपनिषद् 2/6 अध्यात्म के नियम किसे अच्छे नहीं लगते? #upanishads #kathopanishad
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12. कठोपनिषद् 2/6 अध्यात्म के नियम किसे अच्छे नहीं लगते? #upanishads #kathopanishad
11. कठोपनिषद् हम अपने झूठ को सच मानकर बैठे हैं #upanishads #kathopanishad
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11. कठोपनिषद् हम अपने झूठ को सच मानकर बैठे हैं #upanishads #kathopanishad
10. कठोपनिषद् श्रेय और प्रेय का मार्ग। अच्छा लगने और होने में अंतर है #upanishads #kathopanishad
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10. कठोपनिषद् श्रेय और प्रेय का मार्ग। अच्छा लगने और होने में अंतर है #upanishads #kathopanishad
9. कठोपनिषद् मृत्यु को स्वीकार करना ही उससे बचने का उपाय #upanishads #kathopanishad
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9. कठोपनिषद् मृत्यु को स्वीकार करना ही उससे बचने का उपाय #upanishads #kathopanishad
Are chor ved ke ninda. Karta he oo nark men jyaga
मुझे सत्यार्थ प्रकाश हिंदी में लिखित पुस्तक की जरूरत है कहां पर मिलेगी
Guruji yadi ved pehele se tha to ved ki mantra me vishwamitra aadi rishion ka naam kaise aai aur mantra ke saath Rishi aur Dev ka kya sambandh hai, kripaya batai ye
सही बात है मैंने देखा है कि मंदिरों में जब पूजा के प्रसाद बैठते हैं इस पूजा के प्रसाद की दुकानों पर गुटखा सिगरेट बीड़ी यहां तक की शराब तक भी मिल जाती हैं आप कहीं पर भी मंदिरों में जाकर देखें यदि मंदिर या कोई या काशी मथुरा जैसे पावन स्थली हो तो सर्वप्रथम यहां गुटखा बीड़ी सिगरेट पान और शराब की बिक्री बिल्कुल वर्जित कर परंतु ऐसा नहीं है आपको काशी में दर्द से शराब बिकती भी दिखेगी आपको मथुरा में धड़के शराब बिक्री दिखेगी
बिलकुल सत्य है आपका ज्ञान मूर्तिपूजा गलत है मूर्ति नही उनकी मूर्त अर्थात चरित्र को धारण कर पूजा करे ओउम
सत्य सनातन वैदिक धर्म संस्कृति और सभ्यता की जय
सत्य सनातन वैदिक धर्म संस्कृति और सभ्यता की जय
नमस्ते आचार्य जी
महोदय हिंदुस्तान में हिंदू में अहिंसा का बिमारी ही हिंदू का डुबाने का काम किया,मैं नेपाल से हू आप विचार किया कभी शांत मन से इसपर विचार करेंगे तो आप पाएंगे नेपाल के हिंदू में शक्ति पूजा की प्रमुखता है , एक समय काठमांडू में जिस घर से वली नही दिया जता था तो उसे दंड देने का चलन भी था ,अभी भी यहां के बहुत सारे घर से वली देने का चलन है , बलि देने से घर के व्यक्ति और बच्चे में खून खराबी से डर नहीं होता ,इसी के कारण यहां के व्यक्ति लड़ने से नही घबराता है ,निचोड़ ये है की वहा कोई भी बाहरिया शासन नही कर पाया।भारतीय में मैंने देखा है की वे झगड़ा होने पर डर कर छुपाने या कहे मारपीट से भागने की कोसिस करते है अपना आत्मरक्षा भी नही कर पता है ।भारत का गुलाम बनने का कारण अति दया जो कालांतर में कायरता में प्रवर्तित हो गई है ।
Yeh jhooth aur afwah hai. 6 saal ki bachchi gale mein mala nahi daal sakti hai. Bhagwan ki ninda karna buri baat hai.
Ram. Ram
Bahut sundar
Matlab saty nhi batana to niyam bna diye kha niyam likha prabhakr ji jara batayia ki ram 14 varsh or pandav 13 plus 1 kyu are kabhi to gherayia se samjhiye
सीधी बात को इतना घुमा कर बताइएगा तो कम लोग देखेगे सीधी बात यह है कि राजकुल का नियम है कि ज्येष्ठपुत्र को ही राज्य दिया जाता है , महाभारत काल में भी यही विधि व्यवस्था थी आचार्य जी आज भी जहाँ राजघराने हैं उनसे पूँछ लीजिए यह हिन्दू विधि है आज भी हिन्दू विधि शास्त्र में कानून में पढ़ाया जाता है अगस्त्य आदि त्रषियों का नाम भी उद्धृत है.. और भी स्थानों पर लिखा है जैसे मानस में " जेठे सुतहिं राज नृप दीन्हा । हरि हित आपु गमन वन कीन्हा ॥" परन्तु विषय मार्मिक है कि वनवास क्यों दिया गया? कारण तो रहस्यात्मक जरूर लगता है, परन्तु रामायण कारों महापुरुषों की बात ही प्रमाण मानी जाएगी । मुझे लगता है कि परमात्मा सगुण श्री हरि की एक लीला का एक ही हेतु हो ऐसा नहीं होता " इदमिथं" कहि जाइ न सोई" भगवान श्री राम का जीवनचरित्र अनुकरणीय है अतः उन्होंने लोगों को प्रायोगिक रूप से यह सिखाया कि यदि भाइयों के बीच में कभी कोई मतभेद की संभावना हो तो भ्रातृप्रेम को वरीयता देने के लिए धन सम्पत्ति राज्य सुख इत्यादि को उसके पक्ष में त्याग करके प्रेम और भाईचारा को बनाये रखना चाहिए । इस मत का भी में हठ नहीं करता क्योंकि क्या सही है या क्या नहीं इस पर शास्त्र प्रमाण होते हैं.. मैंने जो उपयोक्त विचार रखा उसमें जो त्रुटिपूर्ण अंश हो उसके लिए विनम्रता से क्षमा याचना है । सादर प्रणाम🙏
Jai Shree Ram
🙏
बहुत ही सुंदर वाणी मे समझाते हो बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏
चित्र वीर्य विचित्रवीर्य के मरने के पश्चात उनकी पत्नी से वेदव्यास जी ने नियोग कर संतान की उत्पत्ति की थी। आपके समक्ष उदाहरण है आप यह नहीं कह सकते कि अभी तक
महॠषि बाल्मिकी और तुलसीदास कि तुलना करना अच्छा नहीं लगने का एक कारण यह है कि उनका दृष्टिकोण एक है लेकिन समय अलग-अलग है बाल्मीकि जी वर्तमान को लिख रहे थे जिसमें संयोग (स्वयं +योग) को नहीं लिखा जाता क्योंकि घटना पूरी होने पर ही संयोगों का पता लगता है ठीक इसी लिए तुलसीदास जी ने संयोगों को भी लिखा ! आप के दृष्टिकोण से देवता मनुष्य के रूप में हिमालय पर रहते थे यह ग़लत है किसी भी देव देवी या देवता का मनुष्य रूप नहीं बल्कि उनका स्वरूप संयोग द्वारा किया गया कार्य ही है , ये संयोग बृह्माण्ड की उत्पत्ति और प्रलय से लेकर मनुष्य की सोच तक अपना अधिपत्य रखते हैं इसलिए यह ही देव, देवी और देवता है ! शुन्य ( पारब्रह्म) से सबसे पहले एक साथ संयोग से उत्पन्न हुए ये तीन क्रिया ( प्रक्रिया या विस्तार), कर्म ( आकार या पदार्थ), कारण या स्वयं योग ( संयोग) इन्हीं को ऋषियों ने ब्रह्माण्ड के विस्तार को ब्रह्मा , जिस का विस्तार हो रहा है उस पदार्थ को विष्णु तथा जो सभी कारणों का भी कारण हैं आदि योगेश्वर स्वयं योग या संयोग सदाशिव ही है! हे मित्र इतिहास एक स्थान से बंध कर सिमित हो जाता है लेकिन सनातन सिमित नहीं है यह मैं का नहीं बल्कि जहां मैं नहीं है यानी संमपुण ब्रह्माण्ड का है ! ये मेरा दृष्टिकोण है
अति सुन्दर प्रस्तुति , बहुत बहुत आभार
BUKWAS KARTA HY
AUM 🙏
🙏🏻
🙏🏻🙏🏻
हार्दिक धन्यवाद शुभकामनाएं आयुष्मान भव ओ३म् 🙏🏼🚩 कृण्वनतो विश्वमार्यम 🚩 चरैवेति चरैवेति... । जय आर्य जय आर्यव्रत भरतखण्ड 🚩
🙏🙏
अगर राम वनवास न जाते तो रावन वध नही होता
😅😮😮😮😮
80k subsriber par karne ke liye aapko badhai 🎉
नमस्ते आचार्य जी
Jai shri sita Ram ji , Jai shri Sita Ram ji
🙏🙏
Jai shree ram
Pranam Acharya ji🙏
Jai Shree Ram
ॐ कृण्वन्तो विश्वमार्यम् 🙏वेद की ज्योति जलती रहे🪔 ऊँ का झंडा ऊंचा रहे🚩तमसो माँ ज्योतिर्गमय
जय श्री राम
tu b andhbhakti karne laga Dress b badal dali
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
Apke jese koi samja nahi sakta
Ved purad manusmrati narak ke dvar hai khali braman hi sambhog karega niyog pratha se apni maa bahan bibi ke saath shambhog karva lo putra balvan hoga etane jute maro saalo ke jisne ye prAtha bnai aacharya jab tera baap khatam ho jay to apni se kisi shudra se sabhog karva lena
Om
Jay shree ram 🚩🙏
Jay shree ram 🚩🙏
Jay shree ram 🚩🙏
Jay shree ram 🚩🙏
Jay shree ram 🚩🙏
Jay shree ram 🚩🙏
Jay shree ram 🙏🚩
Jay shree ram 🚩🙏